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Topic cover this post :- 

  • वाण्टहाफ समीकरण क्या है
  • अपसामान्य अनुभार किसे कहते हैं?
  • वाण्ट हाफ गुणांक क्या है
  • मोलरता ब मोललता मैं अंतर स्पष्ट कीजिए?
  • सड़कों से बर्फ हटाने में CaCl2 का प्रयोग क्यों किया जाता है
  • स्थिर क्वाथी मिश्रण कितने प्रकार के होते हैं
  • परासरण क्या है?
  • प्रतिलोम परासरण किसे कहते हैं?
  • परासरण दाब के मापन के लिए बर्कले हार्टले विधि का वर्णन कीजिए।
  • बर्कले हार्टले विधि के लाभ बताइए।



प्रश्न01- वाण्टहाफ समीकरण क्या है?


उत्तर- तनु विलयनो का सिद्धांत=


            किसी तनु विलयन का परासरण दाब (π)और गैसीय अवस्था में विलय द्वारा डाले गए दाब(P) के मध्य वांट हाफ ने संबंध स्थापित किया। इसे वांट हाफ समीकरण कहते हैं।


 इस समीकरण के अनुसार गैसीय अवस्था में विलय के अणुओ द्वारा डाला गया दाब उसी विलेय के तनु विलयन में डाले गए परासरण दाब के बराबर होता है। अतः गैस समीकरण 


            PV=nRT



को निम्न प्रकार से लिख सकते हैं-.       PV=nRT


           πV=nRT


           π=n/VRT


                        [C=n/V]


           π=CRT


परासरण दाब 


           π=CRT 



प्रश्न02- अपसामान्य अनुभार किसे कहते हैं?



 उत्तर-abnormal molecular mass-



प्राय: यह देखा गया है, कि वह पदार्थ जो बिलयन में वियोजित होता है का अणुभार सामान्य अणुभार से कम होता है। और वह पदार्थ जो बिलयन में संगुठित होता है उसका अणुभार सामान्य अणुभार से अधिक आता है। इस प्रकार प्राप्त अणुभार अपसामान्य अणुभार कहलाता है।



प्रश्न03- वाण्ट हाफ गुणांक क्या है?


 उत्तर- Van't Hoff's factor



किसी सामान सांद्रण बाले विद्युत अपघटय युक्त बिलयन में यह देखा गया है कि इनके अणु संख्यक गुणधर्म विद्युत अनअपघटय युक्त विलयनो से सदैव अधिक आते हैं। इन दोनों पदार्थों के अनुसंख्यक गुणों को वांट हाफ गुणांक द्वारा व्यक्त किया जाता है।इसे अयोटा(i) से प्रदर्शित करते हैं।


i = 


अनुसंख्यक गुणों का प्रेक्षित           मान/अनुसंख्यक गुणों का सामान्य मान



प्रश्न04- मोलरता ब मोललता मैं अंतर स्पष्ट कीजिए?



 उत्तर -   मोलरता ब मोललता मैं अंतर-




मोलरता


मोललता


इसमें बिलयन के आयतन पर विचार करते हैं।


इसमें विलायक के द्रव्यमान पर विचार करते हैं।


यह किसी बिलयन के 1 लीटर में घुले विलेय पदार्थों के मोलो की संख्या है।


यह बिलियन के प्रति 1000 ग्राम विलायक मैं घुले विलेय पदार्थों के मोलो की संख्या है।


 


इसमें विलायक के भार का कोई महत्व नहीं होता है।


इसमें विलेयन के आयतन का कोई महत्व नहीं होता है।


इसे M द्वारा प्रदर्शित करते हैं।


इसे m द्वारा प्रदर्शित करते हैं।


मोलरता तापक्रम पर निर्भर करती है।


यह तापक्रम के साथ परिवर्तित नहीं होती है।



प्रश्न05-ऋणात्मक विचलन वाले विलेयन के दो दो उदाहरण लिखिए।



 उत्तर- ऋणात्मक विचलन वाले विलेयन के दो दो उदाहरण---



CHCl3 +CH3COCH3 ,


CHCl3+C2H5OC2H5 ,



CHCl3+C6H6,


CH3COOH+C6H5N



ऋणात्मक विचलन प्रदर्शित वाले करने वाले कारक हैं।



प्रश्न06- धनात्मक विचलन प्रदर्शित करने वाले अनादर्श विलियन के दो उदाहरण लिखिए?



 उत्तर -धनात्मक विचलन प्रदर्शित करने वाले अनादर्श विलियन--



CCl4और CHCl3 का मिश्रण,


CCl4 और C6H5CH3(टालुईन )का मिश्रण।



प्रश्न07- बेंजीन में एथेनोइक अम्ल को घोलने पर एथेनोइक अम्ल का प्रायोगिक अनुभार सामान्यता दुगना पाया जाता है, क्यों?



उत्तर-एथेनोइक अम्ल को बेंजीन में घोलने पर हाइड्रोजन बंध बनने के कारण इसका द्वितीयकरण हो जाता है। अतः इसका प्रायोगिक अणुभार दुगना पाया जाता है।



 


प्रश्न08- सड़कों से बर्फ हटाने में CaCl2 का प्रयोग क्यों किया जाता है? 



उत्तर - CaCl2 मिलाने से जल का हिमांक घट जाता है। और इसलिए सड़कों से बर्फ हटाने में CaCl2 का प्रयोग किया जाता है।



प्रश्न09- स्थिर क्वाथी मिश्रण कितने प्रकार के होते हैं?



 उत्तर- स्थिर क्वाथी मिश्रण दो प्रकार के होते हैं--- 



1. निम्न क्वथन स्थिर क्वाथी-



ऐसे बिलयन, जो राउल्ट के नियम से धनात्मक विचलन प्रदर्शित करते हैं अथवा इनका वाष्पदाब उच्च होता है। अतः इनका क्वथनांक कम होता है।



2. उच्च क्वथन स्थिर क्वाथी-



ऐसे बिलयन, जो राउल्ट के नियम से ऋणात्मक विचलन प्रदर्शित करते हैं, अथवा इनका वाष्पदाब  अपेक्षाकृत कम होता है। और  क्वथनांक उच्च होता है।


उदाहरण-एसीटोन +क्लोरोफॉर्म,


ईथर+ क्लोरोफॉर्म।



प्रश्न10- परासरण क्या है?



उत्तर- परासरण(Osmosis)-



जब दो भिन्न सांद्रता वाले द्रवों को अर्धपारगम्य झिल्ली द्वारा पृथक रखा जाता है। तब विलायक के कण अपनी अधिक सांद्रता से कम सांद्रता की ओर अर्धपारगम्य झिल्ली को पार कर गमन करने लगते हैं। यह क्रिया परासरण कहलाती हैं।



प्रश्न11- प्रतिलोम परासरण किसे कहते हैं?



 उत्तर-जब किसी विलेयन पर उसके परासरण दाब से अधिक का बाहृय दाब आरोपित कर दिया जाता है,तो अर्धपारगम्य झिल्ली मैं से होकर विलायक के अणुओं का विलेयन में शुद्ध विलायक में होने वाला प्रवाह प्रतिलोम परासरण कहलाता है।


उदाहरण- इसकी सहायता से कठोर एवं लवण युक्त जल का शोधन किया जाता है।



 


प्रश्न12- परासरण दाब क्या है? सिद्ध कीजिए यह एक अणुसंख्यक  गुणधर्म है।



 उत्तर-परासरणदाब(Osmotic pressure)-



परासरण की क्रिया मैं विलायक के अणुओ द्वारा अर्धपारगम्य झिल्ली पर जो दाब आरोपित किया जाता है।उसे परासरण दाब कहते हैं ।क्योंकि परासरण की क्रिया विलेय के अणुओं की संख्या पर निर्भर करती है। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि परासरण दाब एक अनु संख्यक गुण धर्म(colligative property) है।



प्रश्न13-निम्नलिखित को परिभाषित कीजिए।



समपरासरी बिलयन,


अर्ध पारगम्य झिल्ली।



उत्तर-1.समपरासरी बिलयन-



वह बिलयन जिनके परासरण दाब समान होते हैं समपरासरी बिलयन कहलाते हैं। समपरासरी बिलयनो की मोलर सांद्रताए क्रमशः तुल्य होती है। अतः गणितीय रूप में,



              n1 = n2


                WB/MB = (WB/MB)2



2.अर्ध पारगम्य झिल्ली-



ऐसी झिल्ली जिसमें से होकर केवल विलायक के अणु पार जा सकते हैं। जबकी विलेय के अणु या आयन इसमें से नहीं गुजर पाते हैं।


 उदाहरण- जान्तव एवं पादप झिल्लियां।



प्रश्न14- परासरण दाब के मापन के लिए बर्कले हार्टले विधि का वर्णन कीजिए।



उत्तर-परासरण दाब का मापन(measurement of osmotic pressure)-



उपकरण सामृगी- 



इस उपकरण को बनाने के लिए जलकुंड, केशिका नली, दाबमापी,पिस्टन और कॉपर फेरो साइनाइड की बनी अर्धपारगम्य झिल्ली की आवश्यकता होती है।



सिद्धान्त-


            " बिलयन पर पिस्टन द्वारा डाला गया‌ दाब परासरण दाब के समानुपाती होता है।"


चित्र-





विधि- उपरोक्त उपकरण मैं जलकुंड की सहायता से विलायक अथवा जल को भर दिया जाता है। चित्र से स्पष्ट है कि विलायक को बिलयन से अर्धपारगम्य झिल्ली द्वारा पृथक रखा गया है‌। परासरण की क्रिया होने पर केशिका नली(Capillary)में नियत जल स्तर गिरने लगता है। जिसे पूर्व स्थिति में लाने के लिए पिस्टन द्वारा दाब आरोपित किया जाता है। यह दाब परासरण दाब के समानुपाती होता है। जिसे दाब मापी द्वारा माप लिया जाता है।


     इस सामान को विलेयन का परासरण दाब कहा जाता है।



प्रश्न15- बर्कले हार्टले विधि के लाभ बताइए।



 उत्तर-बर्कले हार्टले विधि के लाभ निम्नलिखित हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार है -----


परासरण दाब निकालने में समय कम लगता है।


विलयन की सांद्रता न बदलने से परिणाम सही मिलते हैं।


अर्धपारगम्य झिल्ली पर अधिक दाब न पडने से वह टूटती नहीं है।


उच्च परासरण दाब का मापन किया जा सकता है

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